
UPSC Exam Essay in hindi- ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ अभियान पर निबंध
14 अप्रैल, 2016 को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके जन्मस्थल महू (Mhow; डॉ. अम्बेडकर नगर, जिला-इंदौर, मध्य प्रदेश) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ नामक ग्राम स्व-शासन अभियान (Village Self Governance Campaign) का शुभारंभ किया गया। 14-24 अप्रैल, 2016 के दौरान यह वहद अभियान केंद्र सरकार द्वारा राज्यों एवं पंचायतों के सहयोग से देश भर में चलाया गया। ग्रामोदय से भारत उदय अभियान का उद्देश्य देश भर में ग्रामों में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना, पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करना, ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करना तथा किसानों की प्रगति और ग्रामीण आजीविका संवर्धन हेतु राष्ट्रव्यापी प्रयासों को सृजित करना था। इस अभियान के तहत ग्रामों में किए जाने वाले वैकासिक कार्यों पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया गया।
ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के तहत 14 अप्रैल, 2016 को इस अभियान के महू में शुभारंभ के साथ वहां ‘राष्ट्रीय सामाजिक समरसता कार्यक्रम’ (National Social Harmony Programme) का आयोजन किया गया और 14-16 अप्रैल, 2016 के दौरान देश की सभी ग्राम पंचायतों में केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से पंचायत स्तर पर ‘सामाजिक समरसता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके तहत ग्रामीणों ने डॉ. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि दी तथा सामाजिक सद्भाव को सुदृढ़ करने का संकल्प लिया। साथ ही सामाजिक न्याय को त्वरित करने संबंधी सरकार की विभिन्न योजनाओं के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध कराई गई।
इसके पश्चात् 17-20 अप्रैल, 2016 के दौरान इस अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में ‘ग्राम किसान सभाओं का आयोजन किया गया। इन सभाओं में कृषि को प्रोत्साहन उपलब्ध कराने हेतु कृषि संबंधी स्कीमों यथा-फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड आदि के विषय में किसानों को जानकारी उपलब्ध कराई गई तथा कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के संदर्भ में कृषकों से सुझाव लिए गए। इस अभियान के अंतर्गत ही 19 अप्रैल, 2016 को विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में 10 राज्यों के पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों की ‘आदिवासी (जनजातीय) महिला ग्राम पंचायत सरपंचों का राष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित किया गया जो पंचायत और जनजातीय विकास पर केंद्रित था। इस सम्मेलन की थीम थी- ‘पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों के विकास में महिला ग्राम पंचायतों की भूमिका’।
तत्पश्चात 21-24 अप्रैल, 2016 के दौरान देश भर में ग्राम सभा बैठकों का आयोजन किया गया। इसके तहत ग्रामों में प्रभात फेरी, स्वच्छता पर कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल-कूद कार्यक्रम आयोजित किए गए। ग्राम सभा बैठकों के दौरान स्थानीय आर्थिक विकास हेतु ग्राम पंचायत विकास योजनाओं, पंचायती राज संस्थाओं के पास उपलब्ध निधियों के अनुकूलतम उपयोग, स्वच्छ पेयजल एवं साफ-सफाई, ग्रामीण विकास एवं ग्राम में महिलाओं की भूमिका तथा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांगों एवं अन्य हाशिए के लोगों सहित सामाजिक समावेशन चर्चा के मुख्य विषय रहे और इन बैठकों के दौरान सामाजिक-आर्थिक विकास संबंधी विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई गई।
ग्रामोदय से भारत उदय अभियान का समापन 24 अप्रैल, 2016 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर जमशेदपुर (झारखंड) में आयोजित पंचायत प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के साथ हुआ जिसमें देशभर के लगभग 3,000 पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जमशेदपुर से देश की सभी ग्राम सभाओं को संबोधित किया जिसका सीधा प्रसारण सभी ग्राम सभाओं में किया गया। वर्ष 2017 में मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में 10 अप्रैल को भारत उदय अभियान की शुरुआत हुई। इस दौरान चरणबद्ध तिथियों में सुबह 8 बजे से ग्राम संसद का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि अब तक राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (NPRD; वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष आयोजित; ज्ञातव्य है कि 24 अप्रैल को ही 1993 में 73वां संविधान संशोधन प्रभावी हुआ था) का आयोजन दिल्ली में ही किया जाता था परंतु इस वर्ष ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ अभियान के भाग के रूप में यह दिवस देश भर की ग्राम पंचायतों (चुनाव वाले राज्यों के अतिरिक्त) में मनाया गया। ज्ञातव्य है कि कुछ राज्यों, जैसे कि मध्य प्रदेश, ने ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ अभियान की अवधि को 45 दिनों तक बढ़ा दिया।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज मंत्रालय के नए अधिदेश’ के साथ ‘विकेंद्रीकरण सूचकांक रिपोर्ट’ (Devolution Index Report) भी जारी की तथा चयनित राज्यों को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी वितरित किए इनमें पंचायतों को अधिकतम शक्तियां विकेंद्रित करने वाले राज्यों केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं सिक्किम को संचयी विकेंद्रीकरण सूचकांक पुरस्कार प्रदान किया गया।
विगत 3 वर्षों में पंचायतों को अधिकतम शक्तियां विकेंद्रित करने वाले राज्य आंध्र प्रदेश, सिक्किम एवं ओडिशा को वृद्धिमान विकेंद्रीकरण सूचकांक पुरस्कार प्रदान किया गया। अपने पंचायत विस्तार हेतु कानूनों को अनुसूचित क्षेत्र अधिनियम 1996 से संरेखित करने में सर्वाधिक प्रगति करने वाले राज्य मध्य प्रदेश एवं गुजरात को पहली बार प्रदत्त पुरस्कार प्रदान किया गया। पंचायतों हेतु सर्वाधिक प्रयास करने वाले राज्य कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल एवं असम को ई-सक्षम पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने सर्वोत्तम निष्पादन वाली पंचायतों एवं ग्राम सभाओं को ‘पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार, और ‘राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार’ भी प्रदान किए। ये पुरस्कार कुल 183 पंचायतों को दिए गए जिनमें 21 जिला पंचायतें, 39 ब्लॉक या मध्यवर्ती पंचायतें तथा 123 ग्राम पंचायतें शामिल हैं।