
पुरुषों के गुप्त रोग का इलाज
पुरुषों में पुरुषत्व संबंधी दुर्बलता हीन भावना जगा देती है। अगर उनकी पत्नी असंतुष्ट होकर बगलें झांकने लग सकती है जिससे कारण उनका की गृहस्ती उजाड़ सकती है। पुरुषों में इस कमी के कारण पति पत्नी के बीच रोजाना लड़ाई मारपीट पति के अवहेलना यह सब उनके बीच हो सकता हैं। इस समस्या पर तुरंत उपचार करना चाहिए नहीं तो आपकी गृहस्थी उजरने की आशंका बनी रहती है।
पुरुषों में शारीरिक दुर्बलता हो जाने के कारण या मानसिक कमजोरी होने के कारण उन्हें सहवास में असफल बना देती है जिनके कारण उनकी पत्नी संतुष्ट नहीं हो पाती। पुरुषों में अधिकतर शीघ्रपतन अर्थात वीर का तुरंत गिरना। इसके कारण पुरुषों में कामोत्तेजना की कमी हो जाती है। कभी-कभी ऐसा होता है कि उनकी पत्नी में सहवास की इच्छा प्रबल होती है लेकिन लेकिन उनके पति इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं रहते हैं। पुरुष इसके कारण हीन भावना का शिकार होकर लज्जित हो जाता है।पुरुषों की कुछ प्रमुख गुप्त रोग की समस्या-स्वपनदोष, शीघ्रपात, शीघ्रपतन स्तंभन शक्ति में कमी, नपुंसकता आदि।यदि इन लोगों का शीघ्र समय पर इलाज ना किया जाए तो अब गंभीर परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
स्वपनदोष का इलाज
स्वपनदोष का मतलब है कि जो दोष सपने में हो जाए अर्थात रात में हमारे मन में गलत विचार उत्पन्न होने के कारण हमारा वीर्यपात हो जाता है। इसके कारण हमें शरीर में कमजोरी और सहवास की शक्ति घटती हैं।
क्या कारण है स्वपनदोष का
- घटिया फिल्में और सीरियल देखना
- अश्लील पुस्तके, पत्रिकाए, नोबल आदि पढ़ना
- नशे में रुचि लेना
- चाय, कॉफी, गरम मसाले आदि का अधिक सेवन करना
- अधिक मात्रा में शराब और मांस का सेवन करना
- रात में पेट भर भोजन करना तुरंत सो जाना
- बुरी संगति में रहना, लड़कियों में अनावश्यक रुचि लेना अर्थात उनके अंग प्रत्यंग को आंखों में बसाना उनके प्रति मन में गलत विचार लाना
कैसे बचे स्वपनदोष से
- ऊपर बताई गई बातों पर अमल करें
- पेट को साफ रखने की आदत रखें
- खाली समय ना बैठे कुछ सामाजिक या खेलकूद या कोई अच्छा काम करें
- अच्छी अच्छी पुस्तकें जो विज्ञान, हेल्थ अर्थात अच्छी नोबेल की पढ़ाई अपनी रुचि के अनुकूल करें
- जीवन में अपना एक लक्ष्य बनाया उसी के पीछे लग जाए
- मन में कभी भी ऐसा विचार ना पाले जिसके कारण आपको कामवासना आ जाए।
- गर्म पदार्थ अर्थात प्याज लहसुन लोन आदि के सेवन कम मात्रा में करें।
- संतुलित आहार ले।
स्वप्न-दोष का कारण लक्षण
- स्वप्नदोष वैसे तो कोई असामान्य या भयंकर बीमारी नहीं है लेकिन रोगी मानसिक रूप से होता रहता है।
- इसमें रात में स्वप्न देखते-देखते आदमी स्खलित हो जाता है।
- यह केवल रोग है। इसका असली कारण है-मन में अश्लील विचारों का हर समय उमड़ना, गुदा
- लील साहित्य पढते-पढ़ते सो जाना आदि ये मानसिक और शारीरिक कारण हैं।
- कब्ज तथा बदहजमी इसके सामान्य कारण हैं।
सावधानी एवं बचाव
- कब्ज न होने दें।
- अश्लील साहित्य से दूर रहें।
- अधिक मिर्च मसालेदार भोजन और
- खट्टी-तीखी चीजों का सेवन न करें।
स्वपनदोष का घरेलू इलाज
- दूध के साथ एक चम्मच हल्दी प्रतिदिन लेना चाहिए इससे स्वपनदोष नहीं होता है।
- उपचार के दौरान पत्नी से कुछ दिनों के लिए संबंध बनाना छोड़ दें।
- चने का दाल 100 ग्राम, खजूर 5, गिरी बदाम 5 ले। खजूर का गुठली निकाल फेंके। उसके बाद सबको कूट-कूट कर पीस दे फिर 20 ग्राम देसी घी में इसे भुने।, इसे थोड़ा खाकर एक गिलास दूध पिए। 4 सप्ताह तक प्रतिदिन सुबह में ले। यह भी ध्यान रखें रोजाना ताजा दवा बनाएं गर्म दूध पिए। इससे कमाल का फायदा होता है
- बड़े आँवले (अधिकतर बनारसी आँवले) का मुरब्बा प्रतिदिन केवल एक नग 20-25 दिनों तक सेवन करें।
- त्रिफला (हरे, बहेरा तथा आंवला) चूर्ण 10 ग्राम, गेरू तथा पिसी हल्दी 5-5 ग्राम, भूनी फिटकरी 100 ग्राम सबको पीसकर कपड़छान कर लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण थोड़ी सी चीनी मिलाकर दिन में तीन बार कम से कम 15 दिनों तक सेवन करें।
- लहसुन की 3-4 कलियाँ, 5 ग्राम शहद के साथ प्रतिदिन सेवन करें। स्वप्नदोष जड़ से खत्म हो जायेगा। अगर भैंस का दूध एक गिलास ऊपर से पी लिया करें, तो सोने पर सुहागा साबित होगा।
- सफेद मूसली और मिश्री 50-50 ग्राम मिलाकर चूर्ण बना लें। चार-छ: ग्राम चूर्ण ठंडे जल के साथ सेवन करें। स्वप्नदोष में अत्यंत लाभकारी योग है।
- अनार का छिलका छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें। इसमें से 4 ग्राम चूर्ण सुबह शाम पानी के साथ सेवन करें।
- पके केले को मिश्री के साथ खायें।
- 25 ग्राम गिलोय को एक गिलास पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें। जब पानी एक चौथाई
- शेष रहे तो उतार कर ठंडा कर लें। इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।
- 17 ग्राम मुलहठी का चूर्ण गाय के ताजे दूध के साथ नित्य सेवन करें। स्वप्नदोष खत्म हो जायेगा।
- लहसुन की मात्र एक कली सुबह पानी के साथ निगल लिया करें।
- नीम की ताजी 4 पत्तियाँ नित्य चबाकर खायें।
- भोजन के बाद शीतल चीनी तथा मिश्री-दोनों समभाग लेकर खायें। इसे आदत बना लें। कुछ ही दिनों में स्वप्नदोष से मुक्त हो जायेंगे।
- बरगद के कोमल पत्तों को तोड़ उससे निकले दूध को (लगभग 7-8 बूंद) एक-दो बताशे में डालकर प्रतिदिन खायें।
- जामुन की गुठली का चूर्ण 4 ग्राम की मात्रा सुबह-शाम दस पंद्रह दिनों तक लें।
- इमली के बीज (चीयें) भूनकर ऊपर का लाल छिलका हटा दें फिर शेष भाग का चूर्ण बनाकर, दो ग्राम की मात्रा में
- मिश्री के साथ नित्य सुबह 15-20 दिनों तक उपयोग करें।
- बबूल की कच्ची पत्तियाँ छाया में सुखाकर बारीक पीस लें। फिर इस चूर्ण के बराबर मिश्री मिलाकर छः-छः ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें।
स्वपनदोष कुछ अन्य इलाज
- मन को किसी न किसी काम में व्यस्त रखें।
- शारीरिक परिश्रम इतना तो अवश्य कर लें कि रात में गहरी नींद आ जाये।
- सुबह सबेरे हरी घास पर नंगे पैर टहला करें।
- ताँबे के बरतन में रात को पानी रख दें। नित्य सुबह इस पानी को पी लिया करें।
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नपुंसकता (नामर्दी) का इलाज
नामर्दी के कारण और लक्षण
- स्त्री से अधिक संभोग करने,
- अग्निमांध,
- अण्डकोशों का रोग,
- शराब या अफीम आदि के अत्यधिक सेवन से भी नामर्दी पैदा हो जाती है।
- चर्बी बढ़ने,
- पौष्टिक भोजन की कमी,
- संभोग के समय मानसिक विचलन,
- हर्निया आदि कई कारणों से पुरुष में नपुंसकता पैदा हो जाती है।
नपुंसक व्यक्ति में मैथुन शक्ति नाममात्र रह जाती है। वह स्त्री को संतुष्ट करने में असमर्थ हो जाता है। उसका शिश्न पूरी तरह उत्तेजित नहीं हो पाता है। और यदि प्रयासपूर्वक उत्तेजित हो भी जाता है तो अधिक देर टिकाऊ नहीं रहता है। शीघ्र स्खलित हो जाता है।
कैसे बचे नपुंसकता से
- दूध, बादाम, प्याज तथा कच्ची सब्जियों आदि का नियमित सेवन करें।
- आसनों में भुजंगासन करें।
- मानसिक चिंता से बच कर रहें।
- भोजन और सहवास में कम से कम चार घंटे का अंतराल अवश्य रखें।
- उत्तेजक पदार्थों का सेवन एकदम न करें।
- खट्टे, बासी तथा अत्यधिक तैलीय भोजन न करें।
- मानसिक भय तथा विचलन से बचें।
नपुंसकता का घरेलू उपचार
- आंवला व हल्दी समभाग लेकर घी में भून लें। फिर इसमें समभाग मिश्री मिला लें। एक-एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम गरम दूध के साथ सेवन करें।
- प्याज का रस, शहद तथा देसी घी तीनों 6-6 ग्राम की मात्रा में मिलाकर एक-डेढ़ माह तक सेवन करें।
- बबूल की गोंद, छाल, पुष्प, फली तथा पत्तों को सुखाकर पीस लें। इन्हें सुरक्षित रख दें। इसमें से 6-6 ग्राम प्रतिदिन दूध के साथ सेवन करें। 20-25 दिनों में आपकी दूर होती जा रही मर्दानगी वापस आ जायेगी।
- तुलसी के बीज पान में रखकर खायें। पहले बीजों का चूर्ण बनाकर रख लें। इसमें से मात्र 2 ग्राम चूर्ण ही नित्य उपयोग करें। 10 बूंद बरगद का दूध बताशों में डालकर खा जायें। ऊपर से एक गिलास हल्का गुनगुना
- दूध पी जायें। कम से कम 20-25 दिनों तक अवश्य सेवन करें। खोई मर्दानगी वापस मिल जायेगी।
- आम के रस में 7-8 बूंदें शहद मिलाकर कुछ दिनों तक पियें। नपुंसकता खत्म हो जायेगी।
- एक चम्मच प्याज के रस में आधा चम्मच मधु मिलाकर कुछ दिनों तक चाटें। कुछ ही दिनों में फायदा नजर आने लगेगा।
- आक (मदार) के पत्तों को पीसकर आधा लीटर रस निकाल लें। फिर इसमें देशी घी दूध डालकर अच्छी तरह पकायें। जब दूध गाढ़ा हो जाये तो 10 ग्राम प्रतिदिन खायें।
- नागौरी, असगंध, सोंठ सभी को समान वजन में लेकर बारीक पीसकर महीन कपड़े से छान लें। इस मिश्रण को घी में भून लें। फिर चीनी की चाशनी बनाकर उसमें इस मिश्रण को डालकर पकायें। अच्छी तरह पक जाने पर उसे उतार कर 12-12 ग्राम की गोलियां बना एक-एक गोली सुबह-शाम गाय के दूध के साथ एक माह तक सेवन करने से हर प्रकार की धातुगत क्षीणता खत्म हो जाती है।
- बेल के पत्ते 12. बादाम 2 नग, मिश्री 250 ग्राम-सबको आधा लीटर पानी में उबालकर गाढा शरबत बनाकर सुबह-शाम एक सप्ताह तक पियें। उपरोक्त मिश्रण एक खुराक है। सात दिनों तक ऐसी ही खुराकें लें। नपुंसकता खत्म हो जायेगी।
नपुंसकता का अन्य उपचार
- अण्डकोशों तथा लिंग पर गीली मिट्टी की पट्टी बांधे।
- नित्य अपराह्म में रीढ़ की हड्डी पर गीली मिट्टी की पट्टी बांधे।
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शीघ्र-पतन का इलाज
शीघ्रपतन का कारण व लक्षण
- संभोग के समय स्त्री को तृप्त करने से पहले ही स्खलित हो जाना शीघ्रपतन है। कई बार केवल आलिंगन, चुंबन आदि के वक्त ही रोगी स्खलित हो जाता है। ऐसे में मन में ग्लानि पैदा होकर व्यक्ति को दिन पर दिन कमजोर करती जाती है।
- इसे शारीरिक रोग की अपेक्षा मानसिक रोग कहना ज्यादा उचित है। यह कई कारणों से होता है जैसे-अत्यधिक हस्तमैथुन या आवश्यकता से अधिक स्त्री संसर्ग।
- इसके अलावा कब्ज, अजीर्ण, पौष्टिकता की कमी आदि से भी यह होता है।
- अश्लील साहित्य का अध्ययन भी मन को उत्तेजित कर शीघ्रपतन पैदा करता है।
- शीघ्रपतन की शिकायत आजकल आम हो गयी है।
- इसका संबंध शरीर से कम, मन से ज्यादा होता है।
शीघ्रपतन से कैसे बचे
- अधिक मिर्च मसालेदार भोजन न करें।
- खट्टी चीजों के सेवन से बचें।
शीघ्रपतन का घरेलू इलाज
- एक पाल दूध वालों के लाल के साथ रोजाना पीना चाहिए
- थोड़ा गर्म पानी में शहद को मिलाकर रात में पीना चाहिए
- आंवले का एक चम्मच रस लेकर उसे शहद में मिलाकर चाटे। एक माह में पीड़ित व्यक्ति का वीर गाढ़ा हो जाएगा और पत्नी को संतुष्ट करने में सहयोग करेगा।
- बरगद का दुध बताशों में डालकर प्रतिदिन खाने से शीघ्रपतन दूर हो जाता है। एक बताशे में 5-7 बूंद दूध काफी रहेगा। ऐसे दो-तीन बताशे रोज खायें।
- कौंच के बीज की गिरी का चूर्ण 5 ग्राम और खसखस के बीज पिसे हुए 5 ग्राम। दोनों को मिलाकर फांक जायें। ऊपर से एक गिलास दूध में हल्दी, चीनी डालकर पी जायें।
- हरॆ 2 ग्राम, बहेरा 4 ग्राम, आंवला 6 ग्राम तीनों को मोटा कूट कर पानी में भिगो दें। दूसरे
- दिन मथकर छान लें। इसमें मिश्री मिलाकर प्रातःकाल पियें।
- उड़द का आटा घी में भून लें और मिश्री के साथ हलवा बनाकर प्रतिदिन खायें।
- शुद्ध भाग 10 ग्राम, जायफल दो नग, भूना हुआ बबूल का गोंद तथा इमली के बीज 5-5 ग्राम और जामुन की गुठली 6 ग्राम-सभी को गुलाब जल के रस में पीसकर चटनी बना ले। फिर इनकी मटर के बराबर गोलियां बना लें। प्रतिदिन रात में दो गोली दूध के साथ सेवन करें।
- अजवायन 10 ग्राम और प्याज का रस 20 ग्राम दोनों को मिलाकर चटनी जैसा बना लें। फिर इसमें देशी घी तथा चीनी मिलाकर एक माह तक सेवन करें।
- बबूल की कोपलें छाया में सुखा कर बारीक कूटकर समभाग चीनी मिलाकर 5-5 ग्राम बासी मुंह प्रतिदिन ठंडे पानी के साथ सेवन करें।
- वंशलोचन तथा गिलोय का सत्व बराबर-बराबर लेकर कूट लें। यह चूर्ण प्रतिदिन दो ग्राम लेकर शहद के साथ चाटें।
शीघ्रपतन का लेप उपचार
- गुलाब जल में शुद्ध इत्र मिलाकर सहवास करने से पहले लिंग पर मालिश करें। शीघ्र स्खलन नहीं होगा।
- लौंग का तेल लिंग पर लगाकर संभोग करें। शीघ्रपतन नहीं होगा।
- जायफल का चूर्ण 400 मि.ग्राम लिंग पर रख कर सहवास में रत हो जायें। शीघ्रपतन नहीं होगा।
- दालचीनी का तेल 10 ग्राम तथा जैतून का तेल 10 ग्राम, दोनों को मिलाकर शीशी में भर लें।
- रात को सोने के पूर्व लिंग पर मालिश करें। 10 दिनों में शीघ्रपतन दूर हो जायेगा।
शिघ्रपतन का अन्य उपचार
- सुबह नंगे पैर हरी घास पर नियमित रूप से टहलें।
- स्नान करते समय रीढ़ की हड्डी पर थोड़ी देर तक पानी की धार छोड़ें।
- कटि स्नान करें।
- सहवास के समय अपने विचारों को सहवास से दूर ले जायें।
सहवास की शक्ति में कमी का इलाज
सहवास शक्ति में कमी का लक्षण
- सहवास-शक्ति में कमी एक तरह से मर्दानगी की कमी है।
- मर्दानगी बढ़ाने वाले योग बजीकारक और इस क्रिया को बजीकरण कहते हैं।
- बजीकरण यानी घोड़े जैसी सहवास होना शक्ति से युक्त करना।
सहवास की शक्ति में कमी होने से कैसे बचे
- पाचन क्रिया में गड़बड़ी न आने दें
- कब्ज को दूर रखें।
- मन से अपने को तंदुरूस्त समझें।
सहवास की शक्ति का घरेलू उपचार
- बबूल की कोमल फलियाँ लेकर इन्हें छाया में सुखा लें। फिर इन्हें कूटपीसकर बारीक कर लें। कपड़छान कर 15-20 ग्राम चूर्ण में 5 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-शाम ठंडे जल के साथ सेवन करें।
- सिंघाड़े और शकरकंद का आटा बराबर-बराबर लेकर रख लें। अब इनके (दोनों के) वजन का दसवां भाग असगंध का चूर्ण मिला लें। देशी घी में भूनकर हलवा बना लें। चीनी आवश्यकतानुसार ही डालें। प्रतिदिन अपने सामर्थ्य के अनुसार खूब चबा-चबा कर खायें। ऊपर से हल्का गर्म दूध पी लें। बाद में दो घंटे तक कुछ ना खायें। अत्यंत ही कामयाब योग है। आपकी संभोग शक्ति बढ़ाकर आपका आनंद कई गुना बढ़ाने वाले इस योग को अवश्य आजमायें।
- तरबूज के बीज की गिरी 6 ग्राम तथा मिश्री 6 ग्राम, दोनों को एक साथ मिलाकर पीस लें इसे खाने से मर्दाना शक्ति संरक्षित रहती है।
- सालन मिश्री पंजेवाली 3 ग्राम, सफेद मूसली 3 ग्राम, पहले इन दोनों को कूट पीसकर बारीक कपड़छान करके रख लें। अब 400 ग्राम दूध आग पर उबालें और उसमें चूर्ण डाल दें। जब दूध बिल्कुल गाढ़ा हो जाय तो थोड़ी सी मिश्री मिलाकर सुबह व रात में सोते समय 20 दिनों तक खायें। मर्दानी ताकत बनी रहेगी।
- सिंघाड़े का हलवा देसी घी में बनाकर सेवन करें। लगभग एक माह तक 50 ग्राम नित्य सेवन करें। चमत्कारिक ढंग से असर होगा।
- शतावर महीन पिसी हुई 8-10 ग्राम को आधा किलो दूध में उबालें और इसमें 50 ग्राम चीनी मिलाकर ठंडा होने तक रख दें। प्रतिदिन इतनी मात्रा का सेवन रात को किया करें। आपकी सहवास शक्ति में बढ़ोत्तरी होगी।
- इन्द्र जौ को गर्म करके पानी में एक दिन भिगोकर रख दें। फिर छिलका उतारकर दुगुने शहद में अच्छी तरह गूंथकर 8 दिन तक पड़ा रहने दें। फिर 4 ग्राम प्रतिदिन सुबह-शाम प्रयोग करें।
- असगंध में समवजन चीनी मिलाकर खायें।
सहवास की शक्ति का अन्य उपचार
- सुबह-सुबह नंगे पैर हरी घास पर टहलें। .
- आसनों में पवन मुक्तासन किया करें।
- रात में तांबे के लोटे में पानी रख दें।
- सुबह यही पानी बासी मुंह पियें।
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स्तंभन-क्षीणता का इलाज
स्तंभन शक्ति में कमी के कारण और लक्षण
आपका शरीर लाख सुंदर है, आप देखने में बिल्कुल पहलवान जैसे लगते हैं लेकिन जरूरी नहीं कि पत्नी के साथ बिस्तर पर आप उसका साथ देर तक दे सकें। पूरी तरह सहवास क्रिया संपन्न न करना या समय से पूर्व स्खलित हो जाना ही स्तंभन क्षीणता है।
स्तंभन शक्ति में कमी से बचाव
- खट्टी-तीखी चीजों को खाने से बचें।
- संभोग के दौरान ध्यान दूसरी ओर केंद्रित ना करें।
- गरम तासीर वाले पदार्थों का सेवन न करें।
स्तंभन शक्ति में कमी का घरेलू उपचार
- इमली के बीज 125 ग्राम, 400 ग्राम दूध में भिगोकर रखें। दो दिन बाद छिलका उतारकर साफ करके पीस लें। 6-6 ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ इस्तेमाल करें।
- मेंहदी के फूल तथा पुराने गुड़ को एक साथ पीसकर 10-10 ग्राम की गोलियां बना लें। कवल एक गोली संभोग से पहले गुनगुने दूध के साथ सेवन करें। सेवन के एक घंटा बाद ही सहवास करें।
- शतावर 10-12 ग्राम लेकर, इसे आधा किलो दूध में डालकर औंट लें। जब दूध गाढ़ा हो इसमें चीनी मिलाकर पी लें। एकाध घंटे बाद रतिक्रिया करें। अत्यंत ही प्रभावी स्तंभक है।
- शीतल चीनी और मिश्री बराबर मात्रा में पीसकर रख लें। इसमें से 6-6 ग्राम लेकर गाय के कच्चे दूध के साथ सेवन करें
- लहसुन की 3-4 कलियां, 5 ग्राम शहद के साथ सेवन करके ऊपर से एक गिलास भैंस का गरम दूध पियें।
- छुहारे की खीर बनाकर खाया करें।
- प्याज के 20-25 ग्राम सत्व में नमक डालकर दोपहर के भोजन के बाद लेते रहें।
- इमली के बीजों की गिरी को कूटकर, कपड़छान करके दोगुनी मात्रा में पुराना गुड़ मिलाकर गोलियां बना लें। रतिक्रिया से दो घंटे पूर्व इस गोली का सेवन करें। चमत्कार आपके सामने होगा।
- उड़द का आटा देशी घी में भून लें और मिश्री के साथ हलवा बनाकर खायें।
- आंवले का मुरब्बा पानी से धोकर एक नग प्रतिदिन चबाकर खायें। स्तंभन का समय बढ़ जायेगा।
- मुलहठी का चूर्ण 10 ग्राम, घी 3 ग्राम-शहद 6 ग्राम इन्हें मिलाकर चाटें तथा ऊपर से 250 ग्राम दूध हल्की चीनी डालकर पी जायें। प्रतिदिन का नियम बना लें। आनंद के क्षण लंबे हो जायेंगे।
- तुलसी के बीज अथवा जड़ का चूर्ण केवल दो ग्राम लेकर इसे पान के पत्ते में रखकर खायें। इस योग को सहवास से आधा घंटा पहले खा लें। प्रभाव आपके सामने होगा।
बाह्य उपचार
- जायफल चूर्ण 3 रत्ती लिंग पर रखकर सहवास करें। स्तंभन क्षीणता दूर होगी
स्तंभन शक्ति का अन्य उपचार
शयन कक्ष में जाने से पूर्व ठंडे पानी से हाथ एवं पैरों को धो लें।
नीम की कोमल पत्तियां 4-5 लेकर प्रतिदिन चबायें।
नहाते समय लिंग पर ठंडे पानी की धार गिरायें।