
नक्शा या मानचित्र का आविष्कार किसने किया था-Map ka aviskar kisne kiya tha
आज नक्शा या मानचित्र आम जरूरत की चीज बन चुका है। जब कोई अजनबी किसी जगह जाने की बात करता है तो उसे नक्शे की आवश्यकता महसस होती है। नक्शे जमीन के होते हैं तथा किसी स्थान विशेष के बारे में बताते हैं कि जमीन कैसी है? यदि आप किसी पहाडी पर चढ़े तो जमीन का ढलता हुआ गोलार्द्ध आपकी समझ में आ जाएगा। पुराने समय में लोग जमीन को चपटी समझते थे।
17वीं शताब्दी से पहले बने सारे नक्शे गलत हैं। या यों कहा जा सकता है कि अधूरे हैं, क्योंकि इनसे दिशा का ज्ञान तो होता था, पर दूरी का नहीं। 17वीं शताब्दी में ‘सैक्सटैंट’ तथा अन्य उपकरणों की खोज होने पर सही नक्शे बनने लगे। संसार का सबसे सही नक्शा ग्लोब है।
कागज पर छपे नक्शे विभिन्न महाद्वीपों के आकार का गलत आभास देते हैं। छपे नक्शे में ऐसा लगता है कि ग्रीनलैण्ड दक्षिणी अमेरिका से बड़ा है, जबकि वास्तविकता में दक्षिणी अमेरिका ग्रीनलैण्ड से आठ गुणा बड़ा है। ग्लोब बनने तथा कागज पर नक्शे छपने से पहले ज्यादातर नक्शे समुद्री नाविक अपनी यात्रा के दौरान किसी कपड़े पर बनाते थे।
यात्रा से वापस आने पर लोगों को बताने के लिए कि हम कहां गए थे तथा वहां किस रास्ते से पहुंचा जा सकता है। कपड़े पर बनने के कारण ही इसका अंग्रेजी नाम ‘मैप’ पड़ा, जो लैटिन शब्द ‘मैप्पा’ से बना है, जिसका अर्थ कपड़ा या चादर है। हालांकि जानवरों की खाल पर बने कुछ पुराने नक्शे भी मिले हैं। स्पेन के प्रसिद्ध खोजी नाविकों कोलम्बस तथा मैगेलन ने भी ‘नई दुनिया तक पहुंचने के लिए नक्शे बनाए थे। ऐसा विश्वास था कि नई दुनिया सोने-चांदी से भरी है इसलिए स्पेन के संग्रहालय से सारे नक्शे चोरी हो गए।
खजाने को छिपाकर, बाद में उन तक पहुंचने के लिए गुप्त संकेतों के सहारे नक्शे बनाए जाते थे। ऐसे नक्शों को समझना बहुत मुश्किल होता था। संसार में आज भी ऐसे कई नक्शे मौजूद हैं जिन्हें आज तक समझा नहीं जा सका।