
बच्चों को स्वस्थ कैसे रखें |बच्चों को स्वस्थ रखने के तरीके |बच्चे को फिट रखने के उपाय |बच्चा होगा हट्टा-कट्टा, अस्पताल क्यों जाएगा पट्ठा? newborn baby care tips in hindi
बच्चे को पैदा करते वक्त और फिर उसके पालन-पोषण में पर्याप्त सावधानी बरती जाए तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और बीमारियां उससे दूर रहेंगी।
बच्चे को हट्टा कट्टा बनाने के दो चरण हैं। एक- जब वह पेट में रहता है और दो- जब वह पेट से बाहर आता है। दुनियाभर में हुए शोधों का निचोड़ कहता है कि बच्चे को हट्टा-कट्टा बनाने के लिए हमें ये उपाय करने चाहिए
गर्भधारण के बाद पहले तीन महीने तक एक महिला को विटामिन, मिनरल्स और अन्य जरूरी पोषक तत्त्व भरपूर मात्रा में लेने चाहिए। इस दौरान जंक फूड, मसालेदार भोजन और एसिडिटी बढ़ाने वाले पदार्थों से बिल्कुल दूर रहें। कोशिश करें कि बीमार न पड़ें ताकि कोई अतिरिक्त दवाई न लेनी पड़े।
गर्भावस्था के अगले तीन महीने पौष्टिकता का ध्यान रखते हुए कुछ ज्यादा कैलोरी वाला भोजन लेना चाहिए। इस दौरान कब्ज न होने दें। पपीता जैसी दस्तावर चीजें भी ज्यादा मात्रा में न लें। डॉक्टर की बताई आयरन, कैल्शियम, विटामिन आदि की खुराक लेते रहें।
गर्भावस्था में खूब खुश रहें। भोजन एक साथ न लेकर थोड़ा-थोड़ा कई बार में लें।
बच्चे के जन्म के बाद 36 घंटे के अंदर अपना दूध बच्चे को जरूर पिलाएं। इस दूध में “कोलेस्ट्रम” नाम का एक ऐसा करामाती तत्त्व होता है जो बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही यह बच्चे को बचपन से लेकर बुढ़ापे तक कई बीमारियों से भी बचाता है। इसी के साथ बच्चे को छह माह तक अपना दूध पिलाएं। सेहतभरी लंबी जिंदगी के जो चुनिंदा सूत्र वैज्ञानिकों ने दिए हैं उसमें एक यह भी है कि उस व्यक्ति ने छह माह तक माँ का दूध पिया हो।
गर्मी हो या जाड़ा, बच्चे को मौसम थोड़ा झेलने दें। ऐसा न करें कि गर्मी में उसे एसी या कूलर वाले कमरे में बंद कर दें और जाडे में हीटर वाले कमरे में, फिर उसके शरीर पर कपड़ों का ढेर बांध दें। बच्चे को सभी जरूरी टीके लगवाएं। दांत आने के बाद बच्चे को अलग भोजन न दें। वही भोजन दें जो घर के बड़े खा रहे हैं।
बच्चे को पौष्टिक आहार दें। जंक फूड से दूर रखें।
मामूली सर्दी जुकाम में तुरंत दवा देने से बचें।
बच्चे को ज्यादा से ज्यादा घर से बाहर खेलने भेजें।