
अवसर का सदुपयोग
Hindi motivational story- सूफी फकीर हुजबिरी कहते थे कि आदमी अपने हाथों से मौके गँवाते रहते हैं। उनसे मिलने एक आदमी आया। उसने कहा- “मैं यह मान नहीं सकता।” जिंदगी बीत गई, अवसर आया ही नहीं। हुजबिरी ने कहा- “किसी दिन देखेंगे।”
एक दिन उस आदमी से हुजबिरी ने कहा- “मैं नदी के उस पार जा रहा हूँ। तुम मिलने आ जाना।” फिर उसने अपने भक्तों से कहा- “एक घड़े में सोने की मोहरें भरकर उसके आने के रास्ते में पड़ने वाले पुल पर रख दो और देखते रहो।”
वह आदमी उस रास्ते से आया और ठीक घड़े के करीब आते-आते उसने आँखें बंद कर लीं। घड़ा जहाँ रखा था, पुल का वह हिस्सा उसने आँखें बंद रखे हुए पार किया। जो लोग वहाँ खड़े थे वे भी चकित हो गए। ठीक घड़े के पास आने पर इसने कैसे आँखें मूंद लीं?
वह आदमी हुजबिरी के पास पहुँचा। पीछे-पीछे घड़ा लेकर बाकी भक्त भी पहुंच गए। हुजबिरी ने उस आदमी से पूछा- “यह घड़ा तुम्हारे रास्ते के बीच रखा था। तुमने देखा नहीं?”
उस आदमी ने पूछा- “कैसा घड़ा?” …
हुजबिरी ने बाकी लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि किस तरह घड़े के पास पहुँचकर उसने आँखें मूंद ली थीं। फिर हुजबिरी ने उससे पूछा कि तुमने आँखें क्यों बंद कर ली थी? वह आदमी बोला कि मुझे लगा कि जरा देखें तो आँखें बंद करके पुल पार करना कैसा लगता है।
हजबिरी ने उसे बताया कि घड़ा तेरे लिए ही रखवाया था, लेकिन तूने जिंदगीभर मौके गँवाए हैं। मुझे लगा कि तेरा मन जरूर कोई ऐसी बात करेगा कि तू अवसर गँवा देगा। हम और आप भी जीवन में इसी तरह से अवसर गँवा देते हैं।