
Heart care tips in hindi-हृदय की देखभाल
अपने हृदय की देखभाल खुद करें
आपका हृदय पूरे शरीर में शुद्ध रक्त पहुँचाता है और अशुद्ध रक्त की सफाई करता है; इसलिए शरीर के सही संचलन के लिए हृदय का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। इसे स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी आपकी है, केवल आपकी। कैसे, आइए देखें।
heart ki dekhbhal kaise kare-हृदय की देखभाल कैसे करें
दिल को स्वस्थ रखने का सरल उपाय
- अखरोट और पिस्ता दिल के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होते हैं।
- अगर आप लगातार दो घंटे से काम कर रहे हैं तो बीच में पंद्रह मिनट का अंतराल काफी जरूरी है। इससे आपको चिंता और तनाव से मुक्त होने में काफी आसानी होगी।
- अपना वजन नियंत्रण में रखें।
- अपने आहार को सात्त्विक रखें। ज्यादा तला, भुना और मसालेदार भोजन न करें।
- ग्रीन टी पिएँ।
- जंक फूड खाना छोड़ दें।
- जीवन के प्रति अपना नजरिया बदलें। जीवन में हर बात की पूर्णता या सिद्धता में तनाव न लें।
- ज्यादा चाय-कॉफी न पिएँ। जितना हो सके पानी पिएँ।
- ठंड के मौसम में हाई ब्लडप्रेशर और हृदय रोगों के मामले अन्य ऋतुओं की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं, लेकिन कुछ सजगताएं बरतकर इन रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है।
- तनाव दूर रखें। यह हृदय रोग की बड़ी वजह होता है। अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल भी नियंत्रण से बाहर न जाने दें।
- दवा के बजाय प्राकृतिक रूप से रक्तचाप पर नियंत्रण करें।
- ऐसा भोजन करें, जो वजन कम करे और जीवनशैली के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलें।
- धूम्रपान और मदिरापान से दूर रहें। इसके साथ ही किसी ऐसे व्यक्ति के पास भी न बैठें, जो धूम्रपान कर रहा हो।
- पूरा घर बंद रखने से, खिड़की-दरवाजे बंद रखने से, कमरे में फूल, पेड़-पौधे रखने से, हीटर, ब्लोअर और अँगीठी जलाकर रखने से भी ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। ऐसे में हार्ट अटैक होने की आशंका बढ़ जाती है।
- प्रार्थना और ध्यान भी मानसिक रूप से शांति प्रदान करते हैं और दिल को ताकत देते हैं।
- फाइबर युक्त भोजन ग्रहण करें।
- बाइक राइडिंग दिल के दौरे और अन्य समस्याओं को दूर करने का काफी प्रभावी माध्यम है।
- बायपास सर्जरी के बाद काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। डायबिटीज हो तो उसे नियंत्रित रखें। रक्तचाप भी नियंत्रण में रहना चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। रोजाना ३० से ४५ मिनट की वॉक काफी होगी।
- बुढ़ापे में और दिल के मरीजों को भोजन कम मात्रा में बार बार लेना चाहिए। एक साथ अधिक खाने से रक्त का अधिक प्रभाव पेट और आंतों की ओर डाइवर्ट होने लगता है। इस कारण एंजाइना व हार्ट अटैक हो सकता है।
- भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो, प्रोटीन की मात्रा अधिक हो और उसमें तेल की मात्रा भी कम हो।
- मांसाहार से बचें।
- माता-पिता को भी अगर हृदय रोग है तो ज्यादा सावधानी बरतें क्योंकि एक-एक विरासतवाला रोग है।
- रोजाना थोड़ी डार्क चॉकलेट खाएँ। चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनॉयड धमनियों को जाम होने से बचाते हैं और खराब कोलेस्ट्रोल को ऑक्सीडाइज होने से भी रोकते हैं। इससे प्लॉक का जमना भी रुक जाता है। फ्लेवोनॉयड्स धमनियों को लचीला बनाए रखते हैं।
- लगातार बैठक को टालें। आधे घंटे से अधिक न बैठे, उठे और दूसरी कुरसी पर जाकर बैठें। ऐसा करना आपकी बड़ी मदद करेगा।
- लिफ्ट का प्रयोग न करें और लंबे समय की बैठक न करें।
- शवासन करें। यह हृदय को सुचारू रूप से रक्त पहुँचाता है। साथ ही यह तनाव मुक्त भी रखता है, जिससे हृदय, मस्तिष्क व शरीर स्वस्थ रहता है।
- सर्दियों के मौसम में रातें लंबी होती हैं, पर आप ८ घंटे से अधिक न सोएँ।
- सर्दियों में अपने टहलने, योग व व्यायाम का कुल वक्त कम न करें। भले ही समय बदल लें।
- सर्दियों में कोहरे में अगर बाहर जाना पड़े तो कोशिश हमेशा यही होनी चाहिए कि आपने गरमी कपड़े पहने हों।
- सर्दियों में घर से निकलते वक्त रजाई से बाहर अचानक ठंडे वातावरण में न निकल पड़ें।
- सर्दियों में घर से निकलें तो मफलर, स्वैटर और कैप व मोजे पहने।
- सर्दियों में घरों में वेंटीलेशन अच्छा होना चाहिए, ताकि हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम न हो। कोहरे में निकलने से भी साँस की दिक्कत और ऑक्सीजन की कमी से हार्ट अटैक हो सकता है।
- सर्दियों में ठंडा पानी, ठंडे पेय व ठंडे खाद्य-पदार्थ लेते ही शरीर का आंतरिक तापक्रम बिगड़ने से एंजाइना और हार्ट अटैक हो सकता है। गरम ताजा खाना और सादा पानी पीना चाहिए।
- सर्दियों में धमनियाँ सिकुड़ने से हाई रक्तचाप व एंजाइना की शिकायत हो जाती है। ऐसे में जब शारीरिक तनाव हो या अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ जाए, तो हार्ट अटैक की भी अधिक आशंकाएँ बढ़ जाती हैं।
- सर्दियों में धमनियों की सिकुड़न से ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है। साथ ही दिन छोटा होने से और सर्दियों में भूख अधिक लगने से ब्लड शुगर भी बढ़ जाता है। इस कारण डायबिटीज के मरीजों में शुगर का नियंत्रण गड़बड़ा जाता है। हार्ट अटैक के सबसे अधिक मामले सुबह ४ से सुबह १० बजे तक होते हैं।
- सर्दियों में बाथरूम में भी ठंड होने से सवेरे शौच के लिए जाते ही हार्ट अटैक होना आम है। घर से बाहर निकलते ही ठंडी हवा में एंजाइना और हार्ट अटैक होना आम है। इसलिए ऐसे में अवश्य कान, गला, सीना ढके रहें।
- सर्दियों में मॉर्निंग वॉक का समय बदलें। दिल के रोगियों के लिए टहलना अच्छी आदत है। इससे हार्ट को अतिरिक्त
- ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, लेकिन धमनियाँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे इसकी सही आपूर्ति नहीं हो पाती। अगर आप मॉर्निंग वॉक जरा देरी से करेंगे तो आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा।
- सर्दियों में लोग व्यायाम, योग और टहलना भी कम कर देते हैं। इसलिए कैलोरी बर्न नहीं हो पातीं। रक्तचाप बढ़ता है और हार्ट अटैक भी हो सकता है।
- सर्दियों में सवेरे, शाम या रात को कोशिश करें कि घर से न निकलें।
- सर्दियों में सुबह नींद खुलते ही रजाई से निकलकर तुरंत बाहर न जाएँ। गरम वातावरण से अचानक ठंड में आना शरीर
- को टेंपरेचर शॉक दे सकता है।
- सर्दियों में हमेशा स्वेटर और शॉल को अपने पास ही रखकर सोएँ और जब रजाई से निकलना हो तो इन्हें पहन लें।
- हरी सब्जियाँ, चटक रंग के फल, मूंगफली एवं सूखे मेवे खाएँ।
- हार्ट अटैक होने पर सुविधाजनक स्थिति में लेट जाएँ और एक एस्पिरिन की गोली अपनी जीभ के नीचे रख लें। फौरन किसी से कहें कि वह शीघ्र ही आपको किसी हृदय रोग अस्पताल में ले जाएँ। इसमें देरी न हो, इसके लिए एंबुलेंस का भी इंतजार न करें।
- हृदय रोग के मरीज ऑपरेशन के पश्चात् भोजन, व्यायाम, दवाएँ समय से लें। कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण, रक्तचाप और वजन पर नियंत्रण रखें।