
एकता का महत्व पर निबंध |Essay on the importance of unity
एक होने के भाव को ‘एकता’ कहते हैं। किसी काम को करते समय हाथ की पांचों उंगलियों का योगदान, तिनकों को मिलाकर रस्सी का निर्माण, ईंटों के संयोग से दीवार का निर्माण, कुछ लोगों के मेल से परिवार का निर्माण एवं छोटे-छोटे राज्यों के संयोग से शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण एकता के दृष्टांत हैं।
एकता के महत्व से संबंधित अनेक लोकोक्तियां प्रचलित हैं; यथा-संघे शक्ति: कलौ युगे, दस की लाठी एक का बोझ, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता इत्यादि। एक तिनके की क्या हस्ती? लेकिन जब वही तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बंध जाता है। एक ईंट की क्या बिसात? लेकिन जब यही ईंट मिलकर दीवार बनाती है, तब उसे तोड़ना मुश्किल हो जाता है। एक बूंद जल का क्या अस्तित्व? लेकिन जब इन्हीं बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है, तो उसे लांघना दुष्कर हो जाता है। एक चींटी की क्या औकात? लेकिन जब कई चींटियां एक साथ हो जाती हैं, तब अपने से बड़े आकार के जीवों को चट कर जाती हैं। एकता के महत्व से संबंधित एक किसान, उसके लड़के और लकड़ी के टुकड़ों की कथा काफी प्रचलित है। लकड़ी के टुकड़े जब अलग-अलग रहते हैं, तब लड़के उन्हें आसानी से तोड़ देते हैं। इन दृष्टांतों से स्पष्ट है कि एकता में काफी बल है।
अंग्रेजी में एक कहावत है-संगठित होने पर हम खड़े होंगे और असंगठित होने पर बिखर जाएंगे। इतिहास साक्षी है कि जब-जब हम संगठित हुए हैं, दुश्मनों को भागना पड़ा है। कौरवों और पांडवों की आपसी फूट के कारण ही महाभारत का युद्ध हुआ। विभीषण के फूट के कारण ही रावण जैसे शक्तिशाली राजा का विनाश हुआ। जयचंद और मीर जाफर के कारण ही देश गुलाम बना। गांधी जी के नेतृत्व में जब देश एक हुआ, तब अंग्रेजों को भागना पड़ा और हमें स्वतंत्रता मिली। लेकिन आज जातीयता, सांप्रदायिकता एवं क्षेत्रीयता एकता की नींव को भीतर ही भीतर खोखला करती जा रही हैं। इनसे हमारी शक्ति क्षीण हो रही है। अतः हमें अपनी एकता को बनाए रखना होगा।