
क्लास मॉनिटर की भूमिका पर निबंध
जो भूमिका खेल के मैदान में कप्तान की होती है, वही क्लास में मॉनीटर की होती है। हिंदी में इसे ‘कक्षा नायक’ कहते हैं। जो छात्र पढ़ने, खेलने एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में श्रेष्ठ होता है, उसी को कक्षा नायक चुना जाता है।
कक्षा नायक का कार्य बड़ा उत्तरदायित्व पूर्ण होता है। वह छात्रों और शिक्षकों के बीच कड़ी का कार्य करता है। छात्रों की जो कठिनाइयां होती हैं, उन्हें वह संबंधित शिक्षक के पास समाधान हेतु पहुंचाता है एवं शिक्षकों से जो निर्देश प्राप्त होते हैं, वह उन्हें कक्षा में लागू करता है। शिक्षक की अनुपस्थिति में क्लास में शांति एवं अनुशासन बनाए रखना कक्षा नायक का प्रधान कार्य है। शिक्षक के कक्षा में आने से पूर्व चॉक, डस्टर आदि का प्रबंध भी वही करता है।
सरस्वती पूजा, बाल दिवस, शिक्षक दिवस एवं अन्य सांस्कृतिक आयोजनों के अवसर पर कक्षा नायक की भूमिका काफी बढ़ जाती है। इन आयोजनों की सफलता के लिए पैसे की आवश्यकता होती है, जिसे विद्यार्थियों के बीच चंदा करके पूरा किया जाता है। अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से चंदा इकट्ठा करना और अध्यापकों तक पहुंचाना कक्षा नायक का ही कार्य है।
कक्षा नायक होने के कारण मुझे भी इसके उत्तरदायित्वों के निर्वहन में होने वाली कठिनाइयों के अनुभव हैं। कक्षा में कुछ ऐसे विद्यार्थियों से पाला पड़ता है, जिन्हें अनुशासन भंग करना अच्छा लगता है। ऐसे विद्यार्थियों की शिकायत शिक्षकों से करने पर उन्हें शारीरिक एवं आर्थिक दंड तो मिलता ही है, लेकिन बाद में कक्षा नायक को उनका कोप भाजन भी बनना पड़ता है। कक्षा से बाहर निकलने पर ऐसे विद्यार्थियों से झगड़े की संभावना रहती है। इसलिए इन अवसरों पर कक्षा नायक को धैर्य एवं संयम से काम लेना चाहिए।
चंदा इकट्ठा करना तो काफी दायित्व पूर्ण कार्य है। इसमें एक पैसे की भी भूल हो जाने पर छात्रों की नजर में बेईमान बनने का भय बना रहता है। यह पद संभालने से विद्यार्थियों में नेतृत्व की क्षमता विकसित होती है। आगे चलकर वे परिवार, समाज एवं देश का सफल नेतृत्व करते हैं।