
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी कैसे काम करता है-electron sukshmadarshi kaise kam karta hai
सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा यंत्र है, जो छोटी वस्तुओं को बड़ा करके दिखाता है। सूक्ष्मदर्शी यंत्र का भी एक विकसित रूप इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी यंत्र है, जो सूक्ष्मदर्शी यंत्र से कई गुना अधिक प्रभावशाली होता है।
प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी यंत्र में प्रकाश और कांच से बने लेंसों को प्रयोग में लाया जाता है। इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी यंत्र में प्रकाश की जगह इलेक्ट्रॉन बीम का प्रयोग किया जाता है। इसमें कांच के लेंसों के स्थान पर विद्युत और चुंबकीय लेंस होते हैं।
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा अत्यंत सूक्ष्म वस्तुओं, जैसे-जीव कोशिकाएं, विषाणु आदि का अध्ययन किया जाता है। जिस प्रकार तरंगों के रूप में प्रकाश चलता है, उसी प्रकार इलेक्ट्रॉन जैसे सूक्ष्म कणों के साथ तरंगें भी होती हैं। इसी सिद्धांत पर यह इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी यंत्र काम करता है।
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में इलेक्ट्रॉनों की एक बीम वस्तु पर डाली जाती है। इस बीम को तारों की कुंडलियों में विद्युत धारा भेजकर एक फ्लोरोसेंट परदे पर भेजा जाता है। तारों की कुंडली लेंसों का काम करती है। चित्र से वस्तु की संरचना का अध्ययन कर लिया जाता है। यह यंत्र बहुत ही उपयोगी है। आजकल लगभग सभी प्रयोगशालाओं में इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी यंत्र को प्रयोग में लाया जा रहा है।