
शरीर में हड़कन
शरीर में हड़कन रोग की उत्पत्ति
शरीर में हड़कन प्रायः 50-55 वर्ष की आयु के बाद होती है। यह रोग श्रीचक बनावट, टडी तथा बादी चीन खाने, ठंडे पानी से स्नान करने, ठंडी हवा या और में सोने, बरफ खाने या बाफ का पानी पीन आदि के कारण हो जाता है। जिन लोगों को बुढ़ापे में अधिक परिश्रम करना पड़ता है, उनके शरीर में भी डकन पडती है।
शरीर में हड़कन रोग के लक्षण
इस रोग में सारे शरीर में हल्का-हल्का दर्द होता है। बेचैनी बढ़ जाती है। लगता है, जैसे बीता से कार्ड हड़ियों को तोड़ रहा हो। यह हड़कन सोते समय, शान्त बैठे हुए या किसी चिंता के कारण होती है। यदि रात में शीर दर्द हो जाता है तो प्राय: नींद नहीं आती। कभी-कभी बुखार भी आ जाता है।
शरीर में हड़कन घरेलू निदान
चाय में नीबू का रस निचोड़कर पी जाएं।
सर्पगंधा, धनिया तथा कालीमिर्च-तीनों 1-1 ग्राम लेकर बारीक पीस लें। फिर उसमें थोड़ी-सी मिश्री (पिसी) मिलाकर रात को सोते समय ताजे पानी से फांकें।
दिन में सारे शरीर पर गोमूत्र की मालिश करें। 1 सप्ताह में हड़कन समाप्त हो जाएगी।
चार पत्ती तुलसी और दो कालीमिर्च-इन दोनों को सोने से पहले चबाकर खाएं।
रात को सोने से पूर्व गरम पानी से हाथ-पैर धोएं। चाय में नीब का रस डालकर पीने से शरीर
सोने से पूर्व शरीर की तेल मालिश करें। तेल गोला, सरसों, तिल की हड़कन छूमंतर हो जाती है या बादाम का लिया जा सकता है।
रीठे का पानी दोनों नथुनों में टपकाकर सो जाएं। हड़कन शान्त हो जाएगी।
गाय का ताजा घी पैरों, घुटनों, भुजाओं तथा पैर के तलवों पर लगभग 10 मिनट तक मलें। सिरस के फूल सिरहाने रखकर सोएं।
बड़ी इलायची का छिलका पीसकर पानी में घोल लें। इस पानी से हाथ-पैर धोकर सोएं।
चिलगोजे का तेल सिर तथा पैरों में मलने से हड़कन शान्त होती है।
रात को सोने से पूर्व एक कप दूध में दो सफेद इलायची का चूर्ण मिलाकर पी जाएं।
हरड़, बहेड़ा, आंवला, हल्दी, नीम की छाल तथा गिलोय-इन सबका काढ़ा बनाकर नित्य पिएं।
कालीमिर्च, लौंग तथा पीपल-सबको पीसकर देशी घी में गरम करके सेवन करें।
शरीर में हड़कन का होमियोपैथिक चिकित्सा
शरीर में हड़कन, दर्द, सिर दर्द आदि होने पर बेलाडोना 3 तथा अर्निका 3-दोनों दवाएं मिलाकर दें।
यदि मानसिक-शारीरिक श्रम करने वालों के शरीर में हड़कन मचे तो अर्जेन्टम नाइट्रिकम लें।
अगर शरीर में झटके-से लगते हों तो सीपिया का सेवन करें।
यदि हड़कन से शरीर का दर्द सिर तक जा पहुंचे तो वेरेट्रम एल्ब का प्रयोग करें।
यदि रह-रहकर शरीर में दर्द हो तो डामियाना मूलार्क का उपयोग करें।
यदि वृद्धों के शरीर में हड़कन पड़ती हो तो सोरिनम दें।
साइलीशिया 30 से भी शरीर की हड़कन रुक जाती है।
शरीर में हड़कन का एलोपैथिक चिकित्सा
यहां दी जा रही दवाएं कुछ खाद्य पदार्थ खाने के बाद लें-डिस्प्रिन (Disprin), एनाफ्लाम (Anaflam), डोलोपर (Dolopar), कॉम्बीफ्लाम (Combiflam), ब्रूफेन (Brufen), जिमालगिन (Zimalgin), समफ्लाम(Sumfiam), टेन्डलजेसिक (Tendalgesic), माइक्रोपाइरीन (Micropyrene), जुपर (Zupar) आदि।