
लुइगी गैल्वानी की जीवनी | Biography of Luigi Galvani in Hind
विद्युत धारा और माँसपेशियों की गति में सम्बन्ध स्थापित करने वाले वैज्ञानिक लुगी गैलवानी का जन्म सन् 1737 ई० कों बोलोगना में हुआ था। इस डॉक्टर ने आयुर्विज्ञान का अध्ययन किया तथा चिकित्सा विज्ञान में भी लोगों की सेवा की। विद्युत धारा और माँसपेशियों के बीच में सम्बन्ध स्थापित करके उन्होंने मस्तिष्क विज्ञान में एक नया अध्याय जोड़ दिया।
विद्युत धारा की उपस्थिति दर्शाने वाला बहुत ही महत्त्वपूर्ण यंत्र गैलवेनोमीटर है। इसका नाम गैलवानी के नाम पर ही रखा गया है। इसी यंत्र को प्रयोग में लाकर 18वीं शताब्दी में इस वैज्ञानिक ने अपने प्रयोग किए थे। गैलवेनोमीटर एक बहुत ही जटिल यंत्र का नामकरण उनके नाम पर किया
‘जाना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। माँसपेशियों की गति और विद्युत धारा में सम्बन्ध स्थापित करने के लिए उन्होंने मेंढक की टाँग पर प्रयोग किए। उन्होंने तांबे का एक तार लिया जिसे मेंढक की टांग की माँसपेशी से लगा दिया। एक चाँदी के तार को एक तत्रिका से स्पर्श करवाया, जब उन दोनों तारों के सिरों को एक-दूसरे से स्पर्श करवाया तो मेंढक की टाँग में ऐंठन आ गयी।
गैलवानी ने सोचा था कि माँसपेशी और तंत्रिका के ऊतकों से विद्युत धारा बहने लगी है। यद्यापि उनका यह सोचना गलत था मगर उनके उस प्रयोग से दूसरे वैज्ञानिकों को यह रास्ता मिल गया कि वे विद्युत धारा की जीती-जागती भूमिका का परीक्षण कर सकें।
आजीवन वे विज्ञान की सेवा करते रहे और रोगियों की देख-भाल करते रहे। सन् 1798 ई० में इस महान वैज्ञानिक की मृत्यु हो गई। कोई भी विद्यार्थी जब गैलवेनोमीटर का प्रयोग करता है तो उसे गैलवानी का नाम अवश्य याद आता है। ऐसे लोग विज्ञान में अपनी अमर छाप छोड़ जाते हैं।
गैलवेनोमीटर एक ऐसा यंत्र है जो विद्युत धारा का पता लगाने के लिये सभी विद्यार्थी दसवीं कक्षाओं से लेकर उच्च कक्षाओं तक प्रयोग करते हैं। इस यंत्र की बहुत बड़ी उपयोगिता है। गैलवानी इटली के एक जाने-माने डॉक्टर थे। वह पहले डॉक्टर थे जिन्होंने माँसपेशियों की गति और विद्युत धारा में सम्बन्ध स्थापित करके दिखाया।