
अयोध्या तीर्थ स्थल-Ayodhya tirth sthal
सप्तपुरियों में अयोध्या का पहला स्थान है। यह उत्तर प्रदेश राज्य में है। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि होने के कारण अयोध्या एक ऐसी दिव्य नगरी हो गई थी कि यहां के कीट-पतंगे तक मोक्ष को प्राप्त हो चुके थे और इस प्रकार यह उजड़ गई थी। श्रीराम के पुत्र कुश ने इसे पुनः बसाया था। मथुरा के समान अयोध्या भी आक्रमणकारियों की बार-बार शिकार हुई है। अयोध्या का इतिहास बताता है कि वर्तमान अयोध्या को महाराजा विक्रमादित्य ने बसाया था।
संतों के निर्देशानुसार ही उन्होंने यहां पर मंदिर, कूप, सरोवर आदि का निर्माण करवाया था। स्कंद पुराणानुसार अयोध्या ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र का समन्वित रूप है। अतः सभी उपपातकों सहित ब्रह्म हत्यादि महापातक इससे युद्ध नहीं कर सकते, इसीलिए इसे अयोध्या कहा जाता है। अन्य पुराणानुसार अयोध्या को सबसे पहले मनु ने बसाया था। भगवान श्रीराम की अवतार भूमि होने से अयोध्या को साकेत भी कहा जाता है।
अयोध्या के दर्शनीय स्थल-Ayodhya ke darshaniya sthal
अयोध्या में घूमने वाली जगह
अयोध्या में सरयू नदी क किनारे पक्के घाट बने हुए हैं. लेकिन वर्तमान में सरयू वहां से दूर हटकर बह रही है। घाटों का वर्णन इस प्रकार है-
लक्ष्मण घाट: इस घाट पर लक्ष्मणजी का मंदिर है।
स्वर्गद्वार घाट : इस घाट के पास श्री नागेश्वरनाथ महादेव का मंदिर हैं
स्वर्गद्वार घाट– इस घाट से थोडी दरी पर त्रेतानाथजी का मंदिर है। कहते हैं कि भगवान श्रीराम ने यहां यज्ञ किया था। इसमें श्रीराम व जानकी की प्रतिमाएं विराजमान हैं।
दशरथ तीर्थ: यह तीर्थ सरयू नदी के तट पर है। रामघाट से इसकी दरी लगभग 11 किलोमीटर है। यहां महाराजा का अंतिम संस्कार हुआ था।
नंदीग्राम : यह अयोध्या से लगभग 23 किलोमीटर दूर है। यहां राम वनवास के समय भरत ने 14 वर्ष तपस्या की थी।
सोनखर : कहा जाता है कि यहां रघु का कोषागार था। कुबेर ने यहीं सोने की वर्षा की थी।
रामकोट, हनुमान गढ़ी, जन्म स्थान, कनक भवन, दर्शनश्वर अन्य दर्शनीय स्थल हैं।
अयोध्या कब जाए
वर्षभर में कभी भी जाया जा सकता है।
अयोध्या कैसे जाएं
हवाईमार्ग : नजदीकी हवाई अड्डा लखनऊ है। लखनऊ की अयोध्या से दूरी 135 किलोमीटर है।
रेल मार्ग : अयोध्या उत्तर रेलवे का स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरी व प्रदशा से रेल मार्ग द्वारा सीधा जुड़ा हुआ है।
सडक मार्ग : अयोध्या लखनऊ, वाराणसी, प्रयाग, गोरखपुर आदि नगरों से सड़क माग द्वारा जुड़ा हुआ है।
अयोध्या में कहां ठहरें
अयोध्या में ठहरने की उचित व्यवस्था है। यहां अनेक धर्मशालाएं, होटल व अतिथि-गृह हैं। इनके अलावा साधुओं तथा पंडों के यहां भी ठहरा जा सकता है।